ये समाज में अभी तक औरत की भावना को नहीं समझते और बदनामी के डर से हमें मौका मिलता है... ये समाज में अभी तक औरत की भावना को नहीं समझते और बदनामी के डर से हमें मौका मिलता...
मेरे अपने व्यक्तित्व की सभी सीमाएं जैसे चटक कर टूटने लगी थीं। मेरे अपने व्यक्तित्व की सभी सीमाएं जैसे चटक कर टूटने लगी थीं।
शायद एक लाख पुरुषों में से कोई एक आनन्द बाबू होता है शायद एक लाख पुरुषों में से कोई एक आनन्द बाबू होता है
गंगा की तरह हमारा मन भी निर्मल और निश्छल होना चाहिए, तभी हम उनकी तरह पवित्र हो पाएंगे। गंगा की तरह हमारा मन भी निर्मल और निश्छल होना चाहिए, तभी हम उनकी तरह पवित्र हो प...
, कब से बच्चा गोद लेने का सोच रहा था पर आपको कहने की हिम्मत न होती थी । पर आज की घटना न , कब से बच्चा गोद लेने का सोच रहा था पर आपको कहने की हिम्मत न होती थी । पर आज की...
मैं इस प्रण के लिए तैयार हूँ और आप.....? मैं इस प्रण के लिए तैयार हूँ और आप.....?